ईरादे – Poem

🇮🇳 ईरादे 🇮🇳

 


ना करनी हे फ़रियाद तुमसे, 


ना करने हे कुछ वादे । 


मर मिटेंगे देशके लिए 


बस अब यही हे ईरादे ।

 

ना ख़्वाब हे उड़ने का ,


ना डर हे गिरने का ।


अब तो आके काम वतन के,


जज़्बा हे मर मिटने का ।

 

ना फ़रियाद हे अपनो से , 


ना बैर हे गेरो से ।


डाल के रोशनी हक़ीक़त की 


दूर करना हे देशको अंधेरो से।

 

ना जातिवाद करना हे ,


ना गांधीवाद करना हे ।


अब तो एक ही हे तमन्ना,


देश के हर दुस्मन को बरबाद करना हे ।


ना ही किसीसे लड़ना हे ,


ना ही किसीसे डरना हे । 


पर क्यूँ बैठे ख़ामोश हम ,


अबतो मारना हे या मरना हे ।

 

 ना किसिसे इजाज़त लेनी हे ,


ना किसिसे ईबादत करनी हे ।


तो कयूँ करे इंतज़ार वक़्त का ,


अब मील के वतनकी रक्षा करनी हे ।

 

ना किसिके पेर पकड़ने हे ,


ना किसिको सरपे बिठाना हे ।


अबतो बढ़ाके होसला फ़ौजीओ का ,


देश का तिरंगा शानसे लहराना हे ।

 

JAI HIND 🇮🇳 JAI BHARAT

WRITEN BY 

[tmm name=”akash-prajapati”]

 

 

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